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क़ाफ़िला / शुभोनाथ / तनुज
Kavita Kosh से
थूककर
ईश्वर के दूत के मुँह के ऊपर
हम सब आगे बढ़ा रहे हैं अपना
क़ाफ़िला
ख़राब संगीत की शैली में
वे रौशन राहें
यहीं नाचते दिखे कुछ नंगे असावधान बच्चे
आराम फ़रमा रहें हैं
सारे नगर और उपनगर
और देख रहे हैं यह व्यवस्थित ढाँचा
...यह दुनिया
हमारी जंगली बत्तखों
को हिला रही है
मूल बांगला से अनुवाद : तनुज