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क़िस्मत वाला हूँ मैं कि / सुशान्त सुप्रिय
Kavita Kosh से
क़िस्मत वाला हूँ मैं कि
अब भी मेरे पास कुछ मित्र बचे हैं
मुझे लगा था कि
अब कोई मेरा मित्र नहीं रहा
क़िस्मत वाला हूँ मैं कि
मेरे पंखों में अब भी उड़ान बची है
मुझे लगा था कि
मेरे डैनों में अब उड़ान का हौसला नहीं रहा
क़िस्मत वाला हूँ मैं कि
तुम अब भी मुझसे प्यार करती हो
मुझे लगा था कि
अब प्यार धरती से विलुप्त हो चुका है