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क़ैदी के पत्र - 8 / नाज़िम हिक़मत
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सबसे सुन्दर वह महासिन्धु है,
जिसे अभी हम में से कोई देख पाया नहीं।
सबसे सुन्दर लगने वाला शिशु,
वह है जो पृथ्वी पर अभी बढ़ पाया नहीं।
सबसे सुन्दर लगने वाले दिन,
वे हैं जो ज़िन्दगी में अभी तक आए नहीं।
सुन्दरतम बातें जो मुझे तुमसे करनी हैं,
अभी तक मेरे अधर तुमसे कह पाए नहीं।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : चन्द्रबली सिंह