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काँची-काँची बाँसवा के आलवा-से-डालावा हे / भोजपुरी
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काँची-काँची बाँसवा के आलवा-से-डालावा हे
माई हे, नेतवे ओहारल डालावा चलि जाई हे।।१।।
भेड़ीहारी के अँतरे, कनघुसरी के पँतरे
कि आहो माई हे, मोरो डालावा लिहले चोराई।।२।।
गेर तइ लागिले गउँवा के बाबू
कि माई हे, मोरे डालावा देहु त मँगाई।।३।।
गोर तोही लागिले गउँवा के मुमाश्ता हे
भाई हे, मोरो डाला देहु ना मँगाई हे।।४।।
गोर तोहे लागिले गउँवा के गोड़इता
कि माई हे, मोरो डालावा देहु ना रे मंगाई।।५।।