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कांई कै‘णौं चावै / रामस्वरूप किसान
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थांरी
सिणगरयोड़ी भासा रै
कामणगारै सबदां रो अरथ
कोनी आवै
खोल‘र
बता कवि
कांईं कै‘णो चावै ?