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काठचम्पा / प्रयाग शुक्ल

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फूली काठचम्पा
झरी —
फूलों में !

कैसी अनुकम्पा
फिर भरी
काठचम्पा
डालों में
अपनी (वह)
फूलों से
भरी !

काठचम्पा ! !