कादम्बरी / पृष्ठ 83 / दामोदर झा
35.
लेलनि किछु निःश्वास कुमर अच्छोद निकट कय
तुरत पहुँचला सेना केर भीतर टप-टप कय।
उज्जैनहुँसँ ओतय पत्रवाहक आयल छल
कयलक दौड़ि प्रणाम देल चिट्ठी लायल छल॥
36.
घोड़हि पर चिट्ठीके खोलि तुरन्ते बचलनि
सकल राज्य केर समाचार भूपति जे लिखलनि।
तखन लिखल छल उत्कण्ठित छी लगले आयब
पत्र विरामक छनके यात्रा समय बनायब॥
37.
आदेशल लगले यात्राक नगाड़ा बाजय
हमरा सङ लय अश्वारोही सेना साजय।
वैशम्यायनके कहलनि सब सैन्य सम्हारब
पाछ आउ यथासुख सब सेना संचारब॥
38.
मेघनाद छल सेनापति तकरा बजबओलनि
अश्वारोही शत सङ एतहि रहै लय कहलनि।
केयूरक ई एतय पत्रलेखाके आनत
लायब सब टा बात आबि ई जते बखानत॥
39.
आयब समुचित ढंग पत्रलेखाके लेने
मारगमे रुकि ठाम ठाम विश्राम करयने।
केयूरक, हमरा दिशि सँ ई सविनय कहबनि
राजकुमारीके पहिने तँ शीश नमयबनि॥