कादम्बिनी गांगुली मुझे पसंद है मास जुलाई / अनामिका अनु
कादम्बिनी गांगुली मुझे पसंद है मास जुलाई
मेहदी हसन के गाने
जुलाई में जन्मे कवि
मिर्जापुर, कजरी, गिरिजा देवी
राग मेघ मल्हार, गीला चाँद
जुलाई की जलती मशाल
और झमक-झमक कर बरसता पानी
जूलियस सीज़र मुझे पसंद है प्रेमचंद को पढ़ना
मुझे नहीं पसंद है जुलाई में
अर्नेस्ट हेमिंग्वे की तरह
किसी कवि या लेखक का मरना
मुझे पसंद है सर विलियम लौरेंस ब्राग की आँखें
उसके ओंठ,उसका चेहरा
मुझे बुरा नहीं लगता
चालीस पार होते ही बालों का उड़ जाना
मूंछों का घना हो जाना
काश! कि मैं कैवेंडिश की प्रयोगशाला में उससे मिल पाती
और बता पाती मैं वर्णांध नहीं हूँ
मुझे मेंडल पसंद हैं, डार्विन नहीं
मैं उनसे वाॅटसन और क्रिक के क़िस्से पूछती
मैं पूछती आपने देखा है डी एन ए?
काफ़्का, शिम्बोर्स्का और पाब्लो नेरुदा से पूछना
जुलाई कितना भिगोती है और क्यों सूखने से डरते हैं जुलाई में जन्मे लोग?
बालमणि अम्मा और केदारनाथ सिंह से पूछना
जुलाई कितना डुबाती और कितना उबारती है?
फ़्रीडा काहलो तुम्हें टर्राते हुए सुनहरे मेंढ़क पसंद हैं
तुम्हें पसंद है मालती की तर-ब-तर टहनी से लटकते गुलाबी-सुफ़ेद फूलों से आँखों को भर लेना
आइरिस का बैंगनी रंग जब जावाकुसम के लाल
से मिलता है
जब सूरजमुखी गुल-ए-मामून से बतियाती है
जब बादल के रंग की चुनरी हरे रंग की कुर्ती पर चढ़ जाती हैं
जब मेंहदी हथेली पर,चूड़ियां कलाई पर खिलती- खिलखिलाती है
तब लचककर इंद्रधनुष उगता है
मेरे जुलाई के स्वप्न में
पाब्लो नेरूदा टाॅम क्रूज़ को शब्द देते हैं
टाॅम क्रूज़ फ़्रीडा काहलो से प्रेम करता है
वह कविता लिखता है
फ़्रीडा प्रेम में रंग लिखती है
कैनवास और काग़ज़ ज़ोर-ज़ोर से साँस लेते हैं
मधुबाला रेडियो पर सुनती है
ज़िंदगी भर नहीं भूलेगी वह बरसात की रात
मोहम्मद रफ़ी गाते हैं
भारत भूषण मुस्काते हैं
साहिर हँसते हैं
अमृता पलकें झुकाती हैं
बादल बिजली चंदन पानी जैसा अपना प्यार
टिप-टिप बरसा पानी
रवीना नाचती है
स्मिता पाटिल ठेले पर बैठी भीग रही है
प्रकाश मेहरा सीन समझाते हुए उसे गर्म चाय पकड़ाते हैं
कट-कट!
बारिश टपक-टपक कर झील
चीनी घुल-घुल कर चाय
नमक चढ़-चढ़ कर पकोड़ा
मन थम-थम कर जुलाई
प्रियंका, कैटरीना, हुमा, कृति, कियारा
गा रही हैं:
रिमझिम गिरे बादल
मौसमी चटर्जी और अमिताभ हँस रहे हैं
बदरंग सपनों में कितने रंग आ जाते हैं
बस इसलिए मुझे पसंद है जुलाई
नेल्सन मंडेला! मित्रता दिवस के दिन मैं तुमसे दोस्ती करना चाहती थी
तुम इतनी दूर क्यों चले गये?
मैं तुम्हें एक ख़त लिखना चाहती थी
अट्ठारह जुलाई को
तुम्हारे जन्मदिन पर
जुलाई मेरे लिए संतोष का महीना है
क्योंकि हर अठारह जुलाई को मैं फिर से जन्म लेती हूँ