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कायदों में न बाँधना उसको / शिव ओम अम्बर
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कायदों में न बाँधना उसको,
प्रीति का व्याकरण नहीं होता।
स्वर्णमृग ने लुभा लिया वर्ना,
जानकी का हरण नहीं होता।
वो सदाशिव सहज दिगम्बर है,
सत्य पर आवरण नहीं होता।
हर कथा संस्मरण नहीं बनती,
हर कथन उद्धरण नहीं होता।
कश्तियों के चुनाव में अक्सर,
उम्र भर सन्तरण नहीं होता।
वक्ष पर जब तक बिधे नहीं अम्बर,
गीत का अंकुरण नहीं होता।