भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

काया और स्मृति / राजेन्द्र जोशी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

काया नहीं स्मृति संभालो
काया केवल भ्रम नहीं है
चिन्ता काया की नहीं
स्मृति की करो
स्मृति की निरन्तरता रखो

काया का क्षरण
मृत्यु से नहीं
क्षरण तो
स्मृति खोने से होता है
काया की स्मृति का
क्षरण रोको .......

नई पीढ़ी की स्मृति
की चुनौती स्वीकारो
काया ही स्मृति होती है
काया की स्मृति का
क्षरण रोको .......