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कारी ओ खुकड़ी / पँवारी

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पँवारी लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

कारी ओ खुकड़ी
तोनऽ ओसरी ओ ऊखड़ी
कारी ओ कोयल
देय जहेर का बोल