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कालरात्रि मे महमह दिनमान कोना आएत / शिव कुमार झा 'टिल्लू'
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कालरात्रिमे महमह दिनमान कोना आएत
मोनमे पाप झबरल भगवान कोना आएत
नहि जड़ै प्राण वायु मरल सरल देह संग
अधम नीचाँ खसत धर्म गगनमे बिलाएत
माँझ आंगन काँटक बोन नहि रोपू प्रियतम
काग कोइली सन कोमल संतान कोना पाएत
विरह मासमे ने सोहर सोहनगर लगै छै
कंठमे पित्त चभटल मधुगीत कोना गाएत
अपने करू रास लीला नेना दूध बिनु कानए
कर्मभीरू पुरुखकेँ जयकार कहेन हाएत