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कालीन / ककबा करैए प्रेम / निशाकर
Kavita Kosh से
आइ फेर
कतोक दिनक बाद
मिलन भेलै
धरती आ बरखाक
जुड़ा गेलै
दुनूक हिआ।
आब
धरती पर पसरि जयतैक
भिन्न-भिन्न
हरियर रंगक कालीन।