भरपूर हुई फ़सल
बचे थे
कुछ पैसे
गुल्लक में रखकर
गाड़ दिए
धरती में
इनसे ही
करने थे
हाथ पीले
लाड़ली के
वे ही तो निकले हैं
कालीबंगा की खुदाई में
थेहड़ की कोख से
लाड़ली कब ब्याही !
राजस्थानी से अनुवाद : मदन गोपाल लढ़ा
भरपूर हुई फ़सल
बचे थे
कुछ पैसे
गुल्लक में रखकर
गाड़ दिए
धरती में
इनसे ही
करने थे
हाथ पीले
लाड़ली के
वे ही तो निकले हैं
कालीबंगा की खुदाई में
थेहड़ की कोख से
लाड़ली कब ब्याही !
राजस्थानी से अनुवाद : मदन गोपाल लढ़ा