काली माय गीत - 1 / अंगिका लोकगीत
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लाली-लाली डोलिया हे चढ़ी
अयली कलका हे मैया
घरे-घर करै छै पुकार हे
कौनी जे घरै हो छेकै
अबला भगतिया के
से हो मोरा दिअबे बताय हे
ऊँची-ऊँची महलिया कलिका माय
पूरबें दुअरिया हे
दुअरी पर अशोक छै बिरिछ हे
यो हो जे घरे हे छेकै
अबला भगतिया के
सहो हम्में दिअलों बताय हे
एतना सुनिये कलिका माय
डोलिया फनैलिकी हे
चली भेलै भगता के दुआर हे
कहाँ गेलै किये हो भेलै
अबला भगतिया हो
झट हुवें घरो सें बहार हो
आगू सें ही अबला भगतिया
करै परनमिया हे
पाछू हटि करै बकबास हे
दूर जा फरक हे जा जा
बुढ़िया कलिको हे मैयो
तोरो भगता मरलौं छबेमास हे
भगता जे मरलै गे अबला
सरबा रचौवले गे
रचलो ऊ सारा दिअबे हो बताय ये
सौनो भदवा हे केरी
उमड़ली नदिया हे
रचल सारा लई गेलै भसाय हे
एतना सुनिये कलिका माय
डोलिया फनैलकी हे
चली भेलै गोढ़िया के आवास हे
एक कोसें गेली कलिका माय
गेली दूही कोसबा हे
तेसर कोस गोढ़िया के आवास हे
जागें, जागें, जागें रे गोढ़िया
निसी भगी रतिया रे
बड़ी असरा ऐलो छी लगाय हो
असरा जो पुरलौ रे गोढ़िया
अबला भगतिया के
तोरो मनसा दिअबो पुराय हो
निसी भगी रतिया कलिका माय
ऐल्हैं कैन्हें दुअरिया हे
से हो मोरा दिअबे हे बताय हे
कौनी विपतिया कलिका माय
घूमै चारो ओरिया हे
कांचें निनें दिहले कैन्हें जगाय हे
भगता जे मरलै रे गोढ़िया
सरबा रचैलकै
रचल सारा लै गेलै भसाय रे
दहीं-दहीं-दहीं रे गोढ़िया
गंगा महाजालबा रे
करी दहीं भगता केरो उपाय हो
जलबा दिलौनी कलिका माय
किये दिअबे हे बताय हे
जलबा दिलौना रे गोढिया
कानें दोनों सोनमा रे
आरो दिअबौ गल्ला गिरमल हार रे
अगिया लगैबै कलिका माय
कानें दोनों सोनमा हे
बजड़ा खसैबै निरमल हार हे
मांगें-मांगे-मांगे रे गोढ़िया
कौनी फल मांगबे रे
बहे फल लई होबौ सहाय रे
जलबा पिलौनी कलिका माय
हाथें दोनों जसबा हे
आरो लेभौं कोखी पुत्रा दान हे
दिअबौ-दिअबौ रे गोदिया
हाथें दोनों जसबा रे
आरो दिअबौ कोखी पुत्र दान हे
एतना सुनिये हो गोढ़िया
जलबा उठैले हो
चली भेलै गंगा ली किनार हो
एकें कोसें गेलै हो गोढ़िया
गेल्है दूही कोसबा हो
तेसर कोसें गंगा जी किनार हो
दिये जब लागलै हो गोढ़िया
गंगा महजालबा हो
फेकें लागलै जाल बेसुमार हो
एके छांके छांकले हो गोढ़िया
दूही छांके छांकलें हो
तेसर छांके घोंघा आरो सेंबार हो
दूर जा फरक हे जा जा
बुढ़िया कलिका हे मैया
हमरा सें कैल्हे मैया तहूं छल हे
गंगा महाजाल देलौं
घेंाघा सेंभार हे पैलौं
कैन्हें करलहे है रे छलबाजी है
कालीमाय के नाम हो सुमरी
दहीं महाजालबा हो
मबे होतौ भगता ऊपर हो
काली माय के नाम हो सुमरी
दैछी महाजालबा हो
होई गेलै भगता ऊपर हो
औंगरी चिरीये कालिका माय
अमरित निकालल हे
भगता के दिहले हे पिलाय हे
भगता जे उठी हो बैठलै
पिथैं अमरित बून्द हो
लई लेलकै भगता के जिलाय हे
एतना करीये कालिका माय
डोलिया फन्हैलकी हे
चली भेलै भगता के दुआर हे
एके कोसें गेली कलिका माय
गेल्है दूही कोसबा हे
तेसर कोसें भगता के दुआर हो
कहाश् गेलै किये हे भेलै
भगता के मैया हे
आपनोॅ दुलरुवा के गोदी लै सटाय हे
जैसें घुरल्हैं कालिका माय
हमरो दुलरुवा हे
वैसें दुनियाश् के दिहो घुराय हो।