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काल थे खुद / सांवर दइया
Kavita Kosh से
आ गूंग थांरी
फोड़ा घालसी
कदैई थांनै ई
मिनख नै मार-मार
मोदीजो भलांई मन में
पण
काल थे खुद
सोध-सोध हार जावोला
लाधैला नीं
मिनख रो जायो
कठैई थांनै !
थारै च्यारूंमेर
उछाळा मारै जिको हरख रो समंदर
देखतां-ई-देखतां
सूक जावैला आ कोनी मानो थे आज
पण परतख देखतां
काल थे खुद झुरोला
आं ई मिनखां खातर !