चाहकर भी समय न निकाल सका
उदास कविताओं के लिए I
इसलिए भी शायद
ग़लतियाँ होती रही हों
पर जीवन बना रहा एक प्रयोग,
एक निष्क्रिय प्रतीक्षा नहीं I
ठण्डे दिनों से टकराता है
एक गर्म हृदय
और दबाव घट जाता है
उदासी का
और तूफ़ान का जन्म होता है !