भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
काव्यात्मक ध्वनि / परिचय दास
Kavita Kosh से
यह चिरकालिक धारणा है कि चंद्रमा शीतल है
यह पारंपारिक धारणा है कि चंद्रमा में दाग है
किन्तु चंद्रमा में एक काव्यात्मक ध्वनि है
चंद्रमा में फाग है
चंद्रमा में मौसम का राग है
चंद्रमा रात्रि को रहने योग्य बनाता है
चंद्रमा अंधकार को सहने योग्य बनाता है
चंद्रमा हाथ की चूड़ी है, रात्रि का गहना है
चंद्रमा मन के कोने में उगे तारों के संग विचरना है
खूबसूरत चंद्रमा हवा के संग-संग
रहना है ! बहना है !
खगोल शास्त्र जो कुछ कहे
साहित्य खगोल शास्त्र का अनुवाद नहीं !!