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काहे को तेरी ओबरी / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
काहे को तेरी ओबरी, काहे का जड़ाए किवाड़
सच्चा हनुमान बली
अगड़ चन्दन की ओबरी, चन्दन जड़ाए किवाड़
सच्चा हनुमान बली
केरै चढ़े तेरै देहरै, केरै तुम्हारी भेंट
सच्चा हनुमान बली
सवाए तो मण को रोट सै, सवाए रुपय्या की भेंट
सच्चा हनुमान बली
बैरीड़ा तो मारकै दफै करो, छोरा कै सिर सै जीत
सच्चा हनुमान बली