मगही लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
का<ref>क्या</ref> लेके<ref>लेकर</ref> अयले<ref>आई</ref> ननदिया, बोलाओ राजा बीरन<ref>भाई</ref> के।
पाँच के टिकवा,<ref>मँगटीका नामक आभूषण</ref> दस के टिकुलिया,<ref>ललाट</ref> लेके आयल ननदिया॥1॥
हमर बहिनियाँ बहुत किछु लयलक<ref>ले आई</ref>।
ओकरा<ref>उसको</ref> के पियरी पेन्हाउ,<ref>पहनाओ</ref> बोलाबु राजा बीरन के॥2॥
शब्दार्थ
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