भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कितणे लड़े सपूत देश के करकै पूरा ख्याल सुणो / हबीब भारती

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कितणे लड़े सपूत देश के करकै पूरा ख्याल सुणो।
भारत की आजादी आळी पहली जंग का हाल सुणो।।
 
राव तुला राम के छोटे भाई कृष्ण गोपाल महान हुए,
युद्ध विद्या मैं सर्वोत्तम थे हरियाणे का मान हुए,
रामलाल थे मित्तर उनके योद्धा एक समान हुए,
नसीबपुर मैं खेत रहे वैं भारत पै कुर्बान हुए,
बहादुरगढ़ के शासक जंग खां लड़े उठा कै ढाळ सुणो।।
 
झज्जर के नवाब सूरमा अब्दुर्रहमान खान हुए,
अहमदकुली नवाब लड़े जो फ़रूखनगर की शान हुए,
बल्लबगढ़ के राजा नाहर सिंह रूपवान बलवान हुए,
छक्के बैरी के छुड़वाए देश-कौम की आन हुए,
दिल्ली के म्हां फांसी तोड़े थे धोखे की चाल सुणो।।
 
सिरसा के भट्टी सरदार बागी खुले जवान हुए,
मेवात के बहादुर मेवाती रण में लहू-लुहान हुए,
मुनीर बेग और जैन हुकम चन्द हांसी के अरमान हुए,
दौलत राम मदीणे आळे पलटन के प्रधान हुए,
गाम-गाम और नगर-नगर में थी विद्रोह की झाल सुणो।।
 
अम्बाला में हुई ब$गावत पलटण के फरमान हुए,
कई कम्पनी साथ चली थी जंग के थे ऐलान हुए,
रोहतक मैं था विद्रोह होग्या खड़े जगत के काम हुए,
गोरी सेना भाज लई भई फेल थे उनमान हुए,
हबीब भारती हैरान हुए, कर दी पेश मिसाल सुणो।।