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कितना अच्छा लगता है / मंजुश्री गुप्ता
Kavita Kosh से
कितना अच्छा लगता है
सर्दी की धूप में बैठ कर
अमरुद खाना
गर्मी की अलस दोपहर में
कूलर की ठंडी हवा में
पसर कर सो जाना
रोटी बनाते समय
रेडियो पर बज रहे अपने
प्रिय गीत को गुनगुनाना
कितना अच्छा लगता है
सोते हुए बच्चे का मुस्कुराना
अच्छे नंबर लेकर बच्चे का
उछलते हुये आना
और गले लग जाना
कितना अच्छा लगता है
फेस बुक पर वर्षों से बिछड़े हुए
किसी दोस्त का मिल जाना
किसी को याद करते ही
उसका फोन या
एस एम एस आ जाना
कितना अच्छा लगता है
हर दिन हर क्षण को जीना
और रात होने पर चैन से सो जाना!