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कितने आफ़ात से लड़ी हूँ मैं / देवी नागरानी

कितने आफ़ात से लड़ी हूँ मैं
तब तेरे दर पे आ खड़ी हूं मैं.

वो किसी से वफ़ा नहीं करता
कहता है बेवफ़ा बड़ी हूं मैं.

आसमें पर हैं चांद तारे सब
इस ज़मीं पर फ़कत पड़ी हूं मैं.

कद में बेशक बड़ा है तू मुझसे
उम्र में चार दिन बड़ी हूं मैं.

मैं तो नायाब इक नगीना हूं
अपने ही सांस में जड़ी हूं मै.

नाम है ज़िंदगी मगर देवी
अस्ल में मौत की कड़ी हूं मैं.