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किया जो प्यार है उस प्यार को निभा देना / रंजना वर्मा
Kavita Kosh से
किया जो प्यार है उस प्यार को निभा देना
गये हो तुम जहाँ हम को वहीं बुला लेना
तुम्हारी आँखों में लहरा रहा समन्दर है
जो डूबने लगूँ पतवार मत थमा देना
तुम्हारे शाने पे सर रख के उम्र भर रोये
तुम अपने काँधे से मत सर मेरा हटा देना
गयीं हैं रूठ जो नींदें हमारी आँखों से
थपकियाँ दे हमे इक बार तो सुला देना
न यूँ मिलो तो खयालों में आ बसो मेरे
निगाह जब मिले उल्फ़त से मुस्कुरा देना
है तुमसे की जो मुहब्बत कोई गुनाह नहीं
वफ़ा का मेरी मुझे कुछ तो अब सिला देना
दरकते होठों पे है तिश्नगी बसी मेरे
ये तिश्नगी रहे क़ामिल यही दुआ देना