भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

किये मोरा कागा रे बाब आओता किये मोरा भईया / मैथिली

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

किये मोरा कागा रे बाब आओता किये मोरा भईया आओता रे
कागवा कौने सगुन तोहे आयल कि बोलिया सोहावन रे
नये तोरा आहे धनि बाबा आओत नहिं धनि भैया आओत हे
धनि होरिला सगुन ले अयलयुं बोलिया सोहावन रे
जौ मोरा आहे कागवा बाबा आओत आओर भईया आओत रे
ललना तोहरो काटवा दुनु ठोर कि बोलिया सोहावन रे
जौ मोरा आहे आगा पिया आओता होरिला जनम लेत रे
कागा सोना मेढायब दुनु ठोर बोलिया सोहावन रे


यह गीत श्रीमती रीता मिश्र की डायरी से