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किरायैदार / हरीश बी० शर्मा
Kavita Kosh से
गाडिया लोहार ज्यूं
खूंटा बदळै, अलटा पलटा करै
घर-बार, संसार
घणखरा
साथ-साथ
संस्कार-वैवार अर
कम-बेसी रैयोड़ा लोकचार भी
बदळ लेवै है।