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किशोर मन / महेश चंद्र द्विवेदी
Kavita Kosh से
तप्त
रेत के बीच पड़ा,
मरुथल मे तपता गागर है
लवणयुक्त
जल से प्लावित,
चिर-अतॄप्त तॄषामय सागर है