नानक, कबीर, महावीर, पीर गौतम को
पंथ, देश जातियों का नाम मत दीजिये।
जिसने समाज की तमाम बेड़ियाँ मिटाईं
उसे किसी बेड़ी का ग़ुलाम मत कीजिये।
मन के फ़क़ीर, अलमस्त महामानवों को
रुढ़ियों से जोड़ बदनाम मत कीजिये।
मानव के प्रति प्रेम ही प्रभु की अर्चना है
भले किसी ईश को प्रणाम मत कीजिये।