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किसी और की रचना / प्रभुदयाल श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
गेंडे ने भालू की थाने में,
रिपोर्ट लिखवाई।
मेरी लिखी कहानी उसने,
अपने नाम छपाई।
कोतवाल हाथी ने भालू,
को थाने बुलवाया।
बंद किया कमरे में उसको
हंटर एक लगाया।
किया मुकदमा दर्ज चुराई,
उसने एक कहानी।
जेल गए तो भालूजी को,
याद आ गई नानी।
किसी और की रचना अपने,
नाम नहीं छपवाना।
अगर नहीं मानें तो निश्चित,
जेल पड़ेगा जाना।