भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
किसी और भाषा में / डोरिस कारेवा / तेजी ग्रोवर
Kavita Kosh से
जो कुछ भी है वह
किसी और भाषा में
व्यक्त किया जा सकता है,
जिसे हम
जन्म के समय
भूल जाते हैं ।
कभी-कभी कुछ शब्द
फिर भी लौट आते हैं —
जैसे समुद्र तट पर
चलते समय
बिना किसी विचार के,
बिना कोई परवाह किए,
बिना एक फूटी कौड़ी के —
कँकर धीमे से बोल देते हैं उसे,
लेकिन
उच्चारण-दोष
के बिना ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : तेजी ग्रोवर