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किसी की प्यास का तुमको जवाब होना था / के. पी. अनमोल
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किसी की प्यास का तुमको जवाब होना था
सराब होने से बेह्तर, शराब होना था
वो मेरे रूबरू ताबीर बन के आया है
तमाम उम्र जिसे सिर्फ़ ख़्वाब होना था
न शर्म उनकी अजब थी, न थी हमारी झिझक
अजब तो धड़कनों का बे-हिसाब होना था
उसे सवाल उठाने थे मेरी कोशिश पर
मुझे जवाब में बस लाजवाब होना था
रखा था इसलिए काँटों के बीच तूने मुझे
ऐ मेरी ज़ीस्त! तुझे इक गुलाब होना था
फ़रेब, झूठ, दग़ा, मारकाट क्या क्या उफ़
ज़माने, तुझको यूँ ही क़ामयाब होना था
वो बोले, हम तुझे अनमोल चाहते हैं बहुत
अब इससे बढ़के भला क्या जवाब होना था