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किसी की मुस्कराहटों पे हो निसार / शैलेन्द्र
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किसी की मुस्कराहटों पे हो निसार
किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार
किसी के वास्ते हो तेरे दिल में प्यार
- जीना इसी का नाम है
माना अपनी जेब से फकीर हैं
फिर भी, यारो ! दिल के हम अमीर हैं
लुटे जो प्यार के लिए, वो ज़िन्दगी
जले बहार के लिए, वो ज़िन्दगी
किसी को हो न हो, हमें है एतबार
- जीना इसी का नाम है
रिश्ता दिल से दिल के एतबार का
ज़िन्दा है हमीं से नाम प्यार का
कि मर के भी किसी के काम आएंगे
किसी के आँसुओं में मुस्कुराएंगे
कहेगा फूल हर कली से बार-बार
- जीना इसी का नाम है