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किसी भी जगह से शुरू हो सकता है / हेमन्त शेष
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समापन
हर शुरुआत का अन्त उसके आरंभ में निहित है
चूंकि हर इति में छिपा है अथ
और इसका विलोम भी उतना ही सही है
फलस्वरूप दोनों शब्द यहाँ अस्थाई तौर पर भ्रामक हैं