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किस्सा ऊधम सिंह / रागनी 12 / रणवीर सिंह दहिया

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वार्ताः ऊधम सिंह ने देश के मान सम्मान और आजादी के लिए अपनी ज्यान न्यौछावर कर दी। लन्दन में जाकर माइकल ओ डायर को गोलियों से भून दिया और-और हंसते हंसते फांसी का फंदा चूम गया। उसनै भारत के सपूतों को ललकार दी। क्या बताया कवि नेः

ऊधम सिंह नै ललकार दी थी, भारत मैं पुकार गई थी,
जंजीर गुलामी की तोड़ दियो॥
न्यूं बोलियो सब कठ्ठे होकै भारत माता जिन्दाबाद
शहर सुनाम देश हमारा, गोरयां नै कर दिया बरबाद
फिरंगी सैं घणे सत्यानाशी, करकै अपनी दूर उदासी
मुंह तोपा का मोड़ दियो॥
म्हारा होंसला करदे खुन्डा उनके दमन के इथियार
लक्ष्मी सहगल साथ मैं म्हारै ठाकै खड़ी हुई तलवार
हिन्दुस्तान नै दी किलकारी, देश प्रेम की ला चिन्गारी
कुर्बानी की लगा होड़ दियो॥
हर भारतवासी नै देश प्रेम का यो झंण्डा ठाया था
पत्थर मतना पूजो भाई न्यूं यो आसमान गूजाया था
लाया था सारे कै नारा, जुणसा लाग्गै हमनै प्यारा
इन पत्थरां नै फोड़ दियो॥
देश मैं छाग्या सबकै ऊधम सिंह की बातां का रंग
इन्कलाब जिन्दाबाद का नारा अंग्रेज सुण होग्या दंग
रणबीर ने जंग तसबीर बनाई, गुलाब सिंह नै गाकै सुनाई
दखे सुर मैं सुर जोड़ दियो॥