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किस्सा ऊधम सिंह / रागनी 5 / रणवीर सिंह दहिया

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वार्ताः ऊधम सिंह और नर्स की बात बढ़ती है। ऊधम सिंह कहता है कि ज्यादातर लोगों की राय में नर्से ज्यादा काम नहीं करती। सामाजिक स्तर पर इस काम को हेय समझा जाता है। कोई नर्स से शादी करने को तैयार नहीं। यह सुनकर नर्स ऊधम सिंह को क्या बताती है नर्सिंग प्रोफैशन के बारे मेंः

माणस की ज्यान बचावैं अपणी ज्यान की बाजी लाकै॥
फिर बी सम्मान ना मिलता देख म्हारे राम जी आकै॥
मरते माणस की सेवा मैं हम दिन और रात एक करैं
भुलाकै दुख और दरद हंसती हंसती काम अनेक करैं
लोग क्यों चरित्रहीन का तगमा म्हारे सिर पर टेक धरैं
घरआली नै छोड़ भाजज्यां देखै बांट वा एड्डी ठाकै॥
फलोरैंस नाइटिगेल नै नर्सों की इज्जत आसमान चढ़ाई
लालटेन ले कै करी सेवा महायुद्ध मैं थी छिड़ी लड़ाई
कौण के कहवैगा उस ताहिं वा बिल्कुल भी नहीं घबराई
फेर दुनिया मैं नर्सों नै थी मानवता की अलग जगाई
बाट देखते नाइटिंगेेल की फौजी सारे मुंह नै बांकै॥
करती पूरा ख्यालबिमारां का फेर घर का सारा काम होज्या
डाक्टर बिना बात डाट मारदे जल भुन काला चाम होज्या
कहवैं नर्सें काम नहीं करती चाहवैं उसकी गुलाम होज्या
मरीज बी खोटी नजर गेर दे खतम खुशी तमाम होज्या
दुख अपणा ऊधम सिंह रोवां किसके धोरै जाकै॥
काम घणा तनखा थोड़ी म्हारा सबका शोषण होवै क्यों
सब भारत वासी मिल रोवैं जीतों अकेली रोवै क्यों
बिना एकता नहीं गुजारा न्यारा-न्यारा बोझा ढोवैं क्यों
गोरयां की चाल समझल्यां ईब झूठा झगड़ा झोवै क्यों
रणबीर सिंह साथ देवैगा आज न्यारे छन्द बणाकै॥