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किस्सा ऊधम सिंह / रागनी 9 / रणवीर सिंह दहिया

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वार्ताःऊधम सिंह और डायर आमने-सामने होते हैं तो डायर कांप उठता है। वह अपने जीवन की भीख मांगता है तो ऊधम सिंह क्या जवाब देता है और क्या कहता हैः

आहमी साहमी खड़े दोनों डायर का चेहरा पीला पड़ग्या॥
आसंग रही ना बोलण की जणो जहरी नाग आण कै लड़ग्या॥
थर-थर पींडी कांप उठी भय चेहरे कै उपर छाया था
मारै मतना मनै ऊधम सिंह डायर न्यों मिमयाया था
उसनै भाजना चाहया था ऊधम सिंह झट आग्गै अड़ग्या।
ऊधम सिंह की आंख्यां आग्गै वो बाग नाजारा घूम गया
डायर नै मरवाये हजारा्रं भारतवासी बिचारा घूम गया
यो पंजाब सारा घूम गया उसकै़ नाग बम्बी मैं बड़ग्या॥
पापी डायर कित भाजै सै करना मनै तुं माफ नहीं
भीख मांगता जीवन की उस दिन करया इंसाफ नहीं
काला दिल सै जमा साफ नहीं तेरा ईबक्यों चेहरा झड़ग्या॥
बणकै मौत खड़या साहमी उनै बिल्कुल भी भय खाया ना
ईन्कलाब कहया जिन्दाबाद कति भाजण का डा ठाया ना
ऊाम सिंह पिछताया ना रणबीर सिंह सही छन्द घड़ग्या॥