भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

किस रुत बाड़ी बोईएगी / हरियाणवी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

किस रुत बाड़ी बोईएगी
किस रुत होया है नल़ा
बसाख बाड़ी बोईएगी
साढत होया है नला
वा तै नली नलाई स्यों हुई
वा हुई खिलण के जोग
हे म्हारी हत लाडो मांगै चौलणां
चुगी चुगाई स्यों हुई
फेर वा हुई लोढण के जोग
हे म्हारी हत लाडो मांगै चोलणां
लुढी लुढाई स्यों हुई
फेर वा हुई पिनण के जोग
हे म्हारी हत लाडो मांगै चोलणां
पिनी पिनाई स्यों हुई
फेर वा हुई कातण के जोग
हे म्हारी हत लाडो मांगै चोलणां
कती कताई स्यों हुई
फेर वा हुई जुलाहे जोग
हे म्हारी हत लाडो मांगै चोलणां
वा तै बणी बणाई स्यों हुई
हुई लीलगर के जोग
हे म्हारी हत लाडो मांगै चोलणां
रंगी रंगाई स्यों हुई
हुई दर्जी के जोग
हे म्हारी हत लाडो मांगै चोलणां
सिमी सिमाई स्यों हुई
वा हुई म्हारी हत लाडो कै जोग
हे म्हारी हत लाडो मांगै चोलणां