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कि कहब हे सखि आजुक रंग / विद्यापति

कि कहब हे सखि आजुक रंग।
सपनहिं सूतल कुपुरुप संग।।
बड सुपुक्ख बलि आयल घाइ।
सूति रहल मोर आंचर झंपाइ।।
कांचुलि खोलि आंलिगल देल।
मोहि जगाय आपु जिंद गेल।
हे बिहि हे बिहि बड दुम देल।।
से दुख हे सखि अबहु न गेल।।
भनई विद्यापति एस रश इंद।
भेक कि जान कुसुम मकरंद।।