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कीड़वादो / निशान्त
Kavita Kosh से
जकै नै आपां
कीं नीं गिणता
कैवां कीड़वादो
बीं रै ताण ई
चुगीजै बगतसर
कपास
हुवै
कटाई-कढ़ाई
ओ नीं हुवै
तो न जाणै
कित्तो अन्न
रूळज्यै खूडां में।