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की-की मिलतै? / कस्तूरी झा ‘कोकिल’

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नया साल में की-की मिलतै, बतलाबॅ भैया?
धोती कुरता, गमछी याकि दरबाजा गैया।

भक-भक बिजली घोॅर में बरतै,
भागतै धुप अंधेरा।
कथरी फेंक रेजाई ओढ़बै,
जागबै रोज सबेरा।

धरनी साड़ी पहिन थिरकतै, नाचबै ता-ता थैया।
नया साल में की-की मिलतै, बतलाबॅ भैया?

गठ्ठा, गुठ्ठी सड़कनै रहतै,
दौड़तै मोटर गाड़ी।
दोनों साँझ चुल्हा गरमैतै,
बाँटबै पान सुपाड़ी।

टुनमाँ, टुनियाँ मुरख नैं रहतै देतै सभैं बधैया।
नया साल में की-की मिलतै, बतलाबॅ भैया?

पीला लाल कार्ड नैॅ रहतै,
हरियर केॅ उड़तै झंडा।
अमर चैन केॅ वंशी बजतै,
अपराधी केॅ फुटतै भंडा।

मंत्री, संतरी साफ सूथरा निर्भय बहना भैया
नया साल में की-की मिलतै, बतलाबॅ भैया?

-22.12.2013