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की सखि, साजन? / भाग - 13 / दिनेश बाबा

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121.

अणु शक्ति सम्पन्न करलकै,
समृद्धि से देश भरलकै,
घर बाहर टेंसनों घटल,
की सखि ‘अडवानी’?
नैं सखि, ‘अटल’।

122.

बोल सुरीला कत्ते मिट्ठो,
लागै जना शहद के पिट्ठो,
सब कोय जानै अता पता,
की सखि कोयल?
नैं सखि, ‘लता’।

123.

महाकवि, विद्वान अगाधे,
हुनको जुगना छथिन एकाधे,
रहै कथिन छल-कपट से दूरोॅ,
की सखि ‘अमरेन्द्र’?
नैं, सुमन ‘सूरोॅ’।

124.

अंग देश के लाल छेलै, जे,
आखरिस में बंगाल गेलै, जे,
जेना विजनरो विकसित फूल,
की सखि ‘शरत’?
नैं, ‘बनफूल’।

125.

भाष के छै जादूगर भी,
दू राजोॅ के छिकै मड़र भी,
जेना अंगिका के रघुबीर,
की सखि ‘सूरो’?
नहीं, ‘समीर’।

126.

भाषा के शृंगार करलखिन,
अंगिका सें प्यार करलखिन,
यश जिनको छै बड़ी बुलंद,
की सखि ‘समीर’?
नैं, ‘डॉ. परमानन्द’।

127.

नेता कवि छथिन जनवादी,
पर, विचार सें साम्येवादी,
छै अर्पित अंगिका ल तन-मन,
की सखि ‘सरल’?
नैं सखि, ‘भुवन’।

128.

बड्डी छै शालीन विदूषी,
आँख बड़ोॅ आरू लुक छै लूसी,
ओजपूर्ण वाणी में उष्मा,
की सखि ‘वसुंधरा’?
नैं सखि, ‘सुषमा’।

129.

छै गुण के विपरीते तेवर,
खट-पट करतें रहै छै ‘नेवर’,
अमृत छै पर लगै गरल,
की सखि ‘राही’?
नहीं, ‘सरल’।

130.

महाकवि अंगिका रथी छै,
साहित्य केरोॅ महारथी छै,
नै हुनको रंग कोय धुरंधर,
की सखि ‘कुशवाहा’?
नैं, ‘अमरेन्दर’।