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कुएँ में रहने का सुख / शरद कोकास

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घर से बाहर पाँव रखते ही
कल्लू कसाई ने किया सलाम
मैंने जान लिया
देश मुक्त हो गया है
दंगों की भयावहता से

नुक्कड़ पर खड़े सिपाही ने
सेल्यूट के अंदाज़ में ठोंकी नमस्ते
मुझे सुकून मिला
देश में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है

ट्रैफ़िक पुलिसमैन ने
बढ़ने का संकेत देते हुए
अभिवादन में हाथ उठाया
मुझे लगा
अब देश में
दुर्घटनाओं की कोई संभावना नहीं

अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक ने
तमाम भीड़ के बावजूद
मुझे भीतर बुलवा लिया
मुझे इत्मिनान हुआ
स्वास्थ्य-सेवाएँ अच्छी चल रही हैं

कढ़ाई में करछुल चलाता हलवाई
मुझे देख मुस्कुराया
कौन कहता है
देश में लोग भूख से मरते हैं

दरज़ी ने चश्मे के ऊपर से झाँका
बहुत दिनों के बाद आए, बाबूजी
कपड़ों की भीड़ देखकर
मैंने तसल्ली ज़ाहिर की

देश में लोगों के पास
पहनने के लिए पर्याप्त वस्त्र हैं

पान की दुकान में खड़े गुरूजी ने
आगे बढ़कर हाथ मिलाया
मैंने संतोष व्यक्त किया
साक्षरता की बढ़ती दर
देश की शिक्षा पद्धति पर

मोहल्ले के पार्षद ने कहा-- भैया, नमस्ते
मै समझ गया
देश में जनतंत्र को कोई ख़तरा नहीं

सबसे हुई जान-पहचान
सबसे हुई दुआ-सलाम
कुएँ में रहते हुए

मै ख़ुश था