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कुकुरक अर्जी / आभा झा

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पहिल पहिल अर्जी लऽ अएलहुँ
हम कुकुरक सरदार
हमरो सबहक नित्यक्रिया पर
करियौ कनेक विचार
बुझू लाचारी कें
हमर दिकदारी के
करियौ आवेदन झटपट स्वीकार यौ सुनू सरकार यौ!

गाछी बिरछी जाए केओ ने
आ नहि पोखरि धार
छोटका बड़का बुधना सुधना
स' ब भेलै बुधियार
सभक दु: ख दूर भेलै
सेहंता पूर भेलै
हमरो सभ लेल करियौ कोनो जोगार यौसुनू सरकार यौ!

शहरक मालिक नहबय सोनबय
घुमबय हाट बजार
मलिकीनी कोरा में ल 'क'
करैये ख़ूब दुलार
पहिरने सुन्दर सूट
चिबाबी हम बिस्कुट
मुदा बेर पर भगबय सड़क किनार यौ सुनू सरकार यौ!

हम्मर बुद्धि विवेकक खिस्सा
बूझय भरि संसार
तैयो नीच मनुख सँ तुलना
फूटल हमर कपार
कतेक मनपीड़ कहू
कोना हम धीर धरु
केओ ने पोछय हम्मर नोरक धार यौ सुनू सरकार यौ!

विस्फोकट हम पता लगाबी
दुश्मन हमर शिकार
स्पुतनिक पर चढ़ि कऽ गेलियै
अंतरिक्ष के पार
मुदा तखनो मजबूर
तकै छी टुकुर टुकुर
कहिया धरि हम सहबै ई दुत्कार यौ सुनू सरकार यौ!

एहि बेर करियौ कुकुरो खातिर
शौचालय तैयार
हमरो सबहक इज़्ज़त बांचत
मानब बड़ उपकार
चहू दिस साफ़ रहत
पशुक जीवन सुधरत
स्वच्छताक सपना होएत साकार यौ सुनू सरकार यौ!