Last modified on 18 अगस्त 2018, at 21:17

कुछ कह के ख़ामोश हो गये हम / नासिर काज़मी

 कुछ कह के ख़ामोश हो गये हम
किस्सा था दराज़, खो गये हम

तू कौन है, तेरा नाम क्या है
क्या सच हज कि तेरे हो गये हम

जुल्फों के ध्यान में लगी आंख
पुरकैफ हवा में सो गये हम