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कुछ तेॅ तकदीर रोॅ दीवार उठाबै में छेलै / अमरेन्द्र
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कुछ तेॅ तकदीर रोॅ दीवार उठाबै में छेलै
बाकी भूसे हेनोॅ माँटी में सनाबै में छेलै
ओकरोॅ आँखी में लोर कत्तेॅ छेलै नै देखलौ
हाँसी हाँसी केॅ जे लोगोॅ केॅ हँसाबै में छेलै
तोरा तेॅ मिललौं तिलक ओकरा कहोॅ की मिललै
जे कि भुखलोॅ रहीकेॅ वोट जुटाबै में छेलै
आग आखिर में नरीं ओकरै ही लगा देलकै
जेकि उपछी केॅ लोर आग बुझाबै में छेलै
हमरोॅ हत्या के पता चलतियै केना केॅ कहोॅ
कोय लाशोॅ केॅ कोय्यो खून मिटाबै में छेलै
जरतेॅ बस्ती में केना बचतियै ही ओकरोँ घोँर
यहेॅ सोची ऊ आपनोॅ घोॅर जराबै में छेलै
केकरौ चललै नै पता कखनी लुटलै अमरेन्दर
हेनोॅ मदमस्त दिले केॅ ऊ लुटाबै में छेलै
-12.3.93