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कुछ नहीं कहते / दिविक रमेश
Kavita Kosh से
मैंने कहा
मज़ाक बन गया है देश।
उसने कहा
तो तैयार हो जाओ
जेल के लिए
मैंने कहा
मज़ाक बना दिया गया है संविधान
उसने कहा
तो तैयार हो जाओ
अदालती धूल चाटने को
मैंने कहा
मखौल होकर रह गए
राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, मंत्री .....................
उसने कहा
तो तैयार हो जाओ
फाँसी के लिए
मैंने कहा
कौन डरता है
उसने कहा .....
कहा .....
कहा ......
दरअसल
उसने कुछ नहीं कहा।