कुछ हादसे हैं जो कि भुलाये नही जाते
सब याद हैं पर अश्क बहाये नही जाते
माना कि वक्त जख़्मो को भर देगा एक दिन
लेकिन निशाने-जख़्म मिटाये नही जाते
देखें हैं अपनी आँखों से मंज़र वो खौफनाक
ऐसे में ख़्वाब हमसे सजाये नहीं जाते
गर ज़िस्म ज़ख्मी होतो दिखाई दे सभी को
हो रूह पे दाग तो वो दिखाये नही जाते
आँखों में खौफ आज भी बच्चों के वो देखो
ऐसे में ये तो हमसे सुलाये नही जाते
‘इरशाद’ लोग कैसे लड़ाते हैं अपनों को
फितने तो ऐसे हमसे उठाये नही जाते