जाओ जाओ तुम्हारी क़सम देख ली
अब आयन्दा हमें मुँह दिखाना नहीं
बात की आन क्या जब वो बातें नहीं
जब वो बानक नहीं, जब वो बाना नहीं।
तुमने शमशेर कैसी कही ये ग़ज़ल
दर्द तो ख़ूब है आशिक़ाना नहीं ।
जाओ जाओ तुम्हारी क़सम देख ली
अब आयन्दा हमें मुँह दिखाना नहीं
बात की आन क्या जब वो बातें नहीं
जब वो बानक नहीं, जब वो बाना नहीं।
तुमने शमशेर कैसी कही ये ग़ज़ल
दर्द तो ख़ूब है आशिक़ाना नहीं ।