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कुछ है लेकिन / उज्ज्वल भट्टाचार्य

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आसमान की नीली आँखें बन्द हैं
झर झर झर झर झरते हैं आँसू
कुदरत की मायूस होने की कोशिश
ख़ूबसूरत है - ख़ूबसूरत है

मुझे तुमसे प्यार है — मैंने कहा
मैंने कहा — भरोसे के साथ
सहलाने का अहसास, लेकिन
तुम्हारे जिस्म का नहीं, हथेली का था

तुम्हारी आँखें मुझ पर टिकी थीं
मेरी नज़र में तुम ही तुम थी
तुम्हारी आँखें तुम्हें तलाशती थीं
मेरी आँखें मुझे खोज रही थी

आसमान की आँखें, आँखें नहीं हैं
झरते हुए आँसू, आँसू नहीं हैं
जो कुछ है, मेरी ख़ातिर नहीं है
ख़ूबसूरत है, पर मेरा नहीं है