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कुत्ता / बालकृष्ण गर्ग
Kavita Kosh से
अगर तुम्हारा है बुत्ता,
पालो प्यारा-सा कुत्ता।
कम खाता है, कम सोता,
भारी वफादार होता।
उसकी भौं-भौं-भौं सुनकर
अच्छे-अच्छे जाते डर।
देख रात-दिन निगरानी,
मरती चोरों की नानी।
[राष्ट्रीय सहारा (लखनऊ), 26 सितंबर 1996]